मई 23, 2013

चंद हाइकु

कुछ समय पहले कुछ हाइकु लिखे थे जो hindihaiku.wordpress.com पर प्रकाशित हुए थे। आज सोचा उसे यहां भी शेयर करूं। दिन के चार अलग-अलग समयों पर लिखे हाइकु पेश हैं:

1
भोर का राग
बुलबुल ने गाया
अब तो जाग

2
संदली दिन
लागे अमावस सा
पिया के बिन

3
सूरज लाल
सांझ की महफिल
जमी कमाल

4
रात नशीली
चांदनी में घोली थी
किसने पी ली?

कुछ और हाइकु लिखने की कोशिश की थी। विवाह के समय एक बिटिया की मनस्थितियों पर -


 
1
मां का आंचल
जीवन की धूप में 
जैसे बादल

2
कोई न भूले
बाबुल की गलियां
बाहों के झूले

3
बहना प्यारी
आएगी याद अब
बातें तुम्हारी

4
ओ री सहेली
जीवन ये लागे है
जैसे पहेली

5
जो था अंजाना
अब वो है अपना
कैसा फसाना

6
हुई परायी
जिस घर में खेली
अम्मा की जायी

7
ले अब चली
बगियन में पी की
नाजुक कली

8
गूंजेंगे गीत
मादक मिलन से
जागेगी प्रीत

21 टिप्‍पणियां:

  1. मां का आंचल
    जीवन की धूप में
    जैसे बादल
    ...
    कोई न भूले
    बाबुल की गलियां
    बाहों के झूले
    सभी हाइकु एक से बढ़कर एक ... अनुपम प्रस्‍तुति

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  2. बहुत ही सुन्दर हाइकू के सृजन,आभार.

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  3. बहुत सुन्दर....
    नन्ही बिटिया पर भी तो लिखो...
    :-)

    अनु

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  4. बहुत ही व्‍यावहारिक, विशेषकर विवाह के समय किसी कन्‍या की मन:स्थिति वाले अत्‍यन्‍त संवेदित, गत्‍यात्‍मक हैं।

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  5. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार(25-5-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
    सूचनार्थ!

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  6. ओ री सहेली
    जीवन ये लागे है
    जैसे पहेली..bahut badhiya ,,sare acchhe hain ...

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  7. सभी हाइकु बहुत सुंदर-एक से बढ़कर एक
    अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
    latest post: बादल तू जल्दी आना रे!
    latest postअनुभूति : विविधा

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  8. आदरेया आपके ये कलापूर्ण हाइकू निर्झर टाइम्स पर 'विधाओं की बहार...' में संकलित की गई है।
    कृपया http://nirjhar.times.blogspot.com पर अवलोकन करें।आपकी प्रतिक्रिया सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  9. kuchh pankti unhi betiyon ke liye-
    kisi shakh pe~
    kisi ped ke~
    chali kukane //

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  10. सारे हाईकु एक से बढकर एक हैं.....

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  11. बहुत ही प्यारे हाइकु...
    ~सादर!!!

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  12. आपको यह बताते हुए हर्ष हो रहा है के आपकी यह विशेष रचना को आदर प्रदान करने हेतु हमने इसे आज २७ मई, २०१३ के ब्लॉग बुलेटिन-आनन् फ़ानन पर स्थान दिया है | बहुत बहुत बधाई |

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  13. वाह! बहुत बढ़िया हाइकु !

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  14. दीपिका जी ,बहुत दिनों बाद आपकी रचनाएं देख पाई हूँ । पढकर लग रहा है कि प्रशंसा करने में देर भी हुई है और शब्द भी कम पडरहे हैं । बस कमाल हैं ।

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