अप्रैल 13, 2013

तुम



धुल जाता है जब
बारिशों में वक्त का आईना
तेरी यादों की धूप
छन छन कर आती है
और उगता है
ख्वाहिशों का इंद्रधनुष
दिल के आसमान में।

आरज़ुओं की किताब में
तेरे ज़िक्र के बगैर
कोई सफ़हा खत्म नहीं होता।
ज़रा ज़रा से ख्वाब
तेरी उंगली पकड़ कर
दौड़ना चाहते हैं।

जब गर्म रेत पर
नंगे पांव चलते
जिंदगी के पांवों में
फफोले उठते हैं
तेरी मुस्कुराहट
ठंडी लहर सी
मरहम लगा जाती है।

बादल के सीने में
जब गुबार भरता है
बूंदों की अय्याशी से
पानी पानी हो उठता है
शर्मिंदा आसमान
हवाओं के ज़ुल्म से बेबस
मासूम खिड़कियां
जब छोड़ देती हैं आस
तेरा भरोसा चिटकनियों सा
तभी रोक लेता है तूफान।

इस भागते शहर में
बहुत मुमकिन है
ग़ाफ़िल हो जाना
फिर भी यह एहतियात रखा है मैंने
कि तेरी याद
अब आंचल की गांठ में बंधी है....

16 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सुन्दर बेहतरीन कविता ,आभार.

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  2. मेरे आँचल में तुम्हारी याद की गाँठ है....

    जाने तुमने कहाँ सहेजी होंगी मेरी यादें.........

    अनु

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    उत्तर
    1. unki yaden to mere seene me basati hain... Har aati sans un yadon ko sahala jati hai... Aur har chotate sans ke sath wo yaden mere aas pass fail jati hai...

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  3. इस भागते शहर में
    बहुत मुमकिन है
    ग़ाफ़िल हो जाना
    फिर भी यह एहतियात रखा है मैंने
    कि तेरी याद
    अब आंचल की गांठ में बंधी है....
    बेहतरीन अभिव्यक्ति....
    सादर

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  4. बहुत सुन्दर. शब्द नहीं हैं.

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  5. इस भागते शहर में
    बहुत मुमकिन है
    ग़ाफ़िल हो जाना
    फिर भी यह एहतियात रखा है मैंने
    कि तेरी याद
    अब आंचल की गांठ में बंधी है....बहुत सुन्दर से एहसास

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  6. इस भागते शहर में
    बहुत मुमकिन है
    ग़ाफ़िल हो जाना
    फिर भी यह एहतियात रखा है मैंने
    कि तेरी याद
    अब आंचल की गांठ में बंधी है..

    जब किसी की यादें इतना कुछ करने में सक्षम हैं तो फिर क्यों उन यादों से छुटकारा पाना ... प्रेम भरी उन यादों का संबल लिए ... गहरे भाव लिखे हैं आपने ...

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  7. बहुत सुन्दर लेखन | बढ़िया |

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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  8. बढ़िया रचना। प्रेम की भावना ही ऐसी है।

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  9. दीपिका जी ,उपमाएं निरुपम हैं । बहुत सुन्दर ।

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  10. बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति ,सुंदर रचना .दीपिका जी इस रचना के लिए बहुत बहुत बधाई ।

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