इस ब्लॉग का शीर्षक महान संगीतकार भूपेन हजारिका को समर्पित है, जिन्होंने शायद पहली बार चाय बागान की खूबसूरती को इस सरल से गीत में ढाला था 'एक कली दो पत्तियां, नाजुक नाजुक उंगलियां'। कम ही लोगों को पता होगा कि बेहतरीन चाय के लिए एक पौधे से सिर्फ दो पत्तियां और एक कली तोड़ी जाती है।
मर्मस्पर्शी पंक्तियाँ बहुत दिनो के बाद आपको लिखते देखकर खुशी हुई !
जवाब देंहटाएंवाह. बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंबेहतरीन और बस बेहतरीन ।
जवाब देंहटाएंदीपोत्सव की अनंत मंगलकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंBest Birthday Gifts Online
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