tag:blogger.com,1999:blog-6040881560049852516.post1260998876156538129..comments2023-12-30T03:28:26.259+05:30Comments on एक कली दो पत्तियां: कैनवासदीपिका रानीhttp://www.blogger.com/profile/12986060603619371005noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-6040881560049852516.post-24324963379629977982012-02-25T20:48:49.148+05:302012-02-25T20:48:49.148+05:30बेहतरीन अभिव्यक्ति , सशक्त लेखनी है आपकी ...और कल...बेहतरीन अभिव्यक्ति , सशक्त लेखनी है आपकी ...और कल्पना ... लाजवाब....dinesh gautamhttps://www.blogger.com/profile/12703343426381963314noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6040881560049852516.post-33903240458466539482012-02-03T20:32:16.542+05:302012-02-03T20:32:16.542+05:30सुंदर रचना, प्रस्तुति पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी|सुंदर रचना, प्रस्तुति पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी|sangitahttps://www.blogger.com/profile/15885937167669396107noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6040881560049852516.post-42747613378426618412012-02-03T16:05:23.855+05:302012-02-03T16:05:23.855+05:30कभी कभी चाहतों के कारण अपना वजूद खत्म हो जाता है ...कभी कभी चाहतों के कारण अपना वजूद खत्म हो जाता है ..कैनवास के ज़रिये आपने सार्थक सन्देश दिया है .. <br />गहन अभिव्यक्ति ..<br /><br />आप मेरे ब्लॉग पर आयीं ..बहुत बहुत शुक्रिया .. आपकी सुन्दर रचना पढ़ने का मुझे अवसर मिला ..बाकी रचनाएँ भी पढूंगी ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6040881560049852516.post-45884424899944011022012-02-03T07:28:04.525+05:302012-02-03T07:28:04.525+05:30सुन्दर अभिव्यक्ति.....
सराहनीय....बधाई....
कृपया इ...सुन्दर अभिव्यक्ति.....<br />सराहनीय....बधाई....<br />कृपया इसे भी पढ़े<br /><a href="http://dineshkranti.blogspot.in/" rel="nofollow">नेता,कुत्ता और वेश्या</a>dinesh aggarwalhttps://www.blogger.com/profile/18216221541613478194noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6040881560049852516.post-64169293717878511512012-02-02T18:48:07.334+05:302012-02-02T18:48:07.334+05:30आप की कृति "खाली कैनवास"पड़ी ,क्या अंदाज़...आप की कृति "खाली कैनवास"पड़ी ,क्या अंदाज़े बयाँ है |<br />रंग और लकीरों की जिमेदारी को ढोता हुआ कैनवास आज भी अकेला है |<br />मैं एक नया ब्लोगेर हूँ ,आप मेरे ब्लॉग पर सादर आमंत्रित हैं |<br /> मेरे ब्लॉग का पता है ---http//kumar2291937.blogspot.comAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/01545294130803924840noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6040881560049852516.post-67773784910270902992012-02-01T14:44:30.289+05:302012-02-01T14:44:30.289+05:30सुंदर रचना, प्रस्तुति पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी.,
...सुंदर रचना, प्रस्तुति पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी.,<br /><br />welcome to my post <a href="http://dheerendra11.blogspot.com/2012/01/blog-post_29.html#links" rel="nofollow">--काव्यान्जलि--हमको भी तडपाओगे....</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6040881560049852516.post-26611755555559821582012-01-30T12:43:01.327+05:302012-01-30T12:43:01.327+05:30कुछ नक्श कुनमुनाए,
कुछ रंग चहके।
कलाकार ने पहना द...कुछ नक्श कुनमुनाए,<br />कुछ रंग चहके।<br />कलाकार ने पहना दिया उसे सुर्ख जोड़ा<br />और उसके बेवा सपने सुहागन हो गए।<br />अब तस्वीर बन चुका था<br />वह खाली कैनवास।...bahut hi badhiyaaरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6040881560049852516.post-43373161237160038922012-01-29T08:04:28.657+05:302012-01-29T08:04:28.657+05:30क्या किसी ने देखा है,
तस्वीर के पीछे?
रंगों और लकी...क्या किसी ने देखा है,<br />तस्वीर के पीछे?<br />रंगों और लकीरों की जिम्मेदारी ढोता कैनवस<br />आज भी कहीं अकेला है।<br /><br />सच है,<br />कैनवास का निजी व्यक्तित्व ही कहां है ?<br />लीक से हटकर , कुछ नई बात है कविता में !महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6040881560049852516.post-49641900655953117152012-01-29T04:33:32.147+05:302012-01-29T04:33:32.147+05:30आपके पोस्ट पर पहली बार आया हूँ । भारत सरकार के रक्...आपके पोस्ट पर पहली बार आया हूँ । भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय कोलकाता में मैं भी अनुवादक बूँ । इसके पूर्व भारतीय वायु सेना में था । आपके पोस्ट पर आकर काफी खुशी हुई कि एक साथी तो मिला जो मेरा मनोबल बढाने में मदद करेगा । पोस्ट अच्छा लगा । मेरे पोस्ट पर आपका बेसब्री से इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6040881560049852516.post-78696761295934500072012-01-28T19:30:29.407+05:302012-01-28T19:30:29.407+05:30कलाकार ने पहना दिया उसे सुर्ख जोड़ा
और उसके बेवा स...कलाकार ने पहना दिया उसे सुर्ख जोड़ा<br />और उसके बेवा सपने सुहागन हो गए।<br /><br />कलि की दो पत्तीओं पर आज केनवास की उदासी बड़ी खूबसूरती से पेश की है !!<a href="http://birlashok.blogspot.com/2012/01/blog-post.html" rel="nofollow"> बहुत सुन्दर !!</a>ASHOK BIRLAhttps://www.blogger.com/profile/01944953865988099586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6040881560049852516.post-6799903154841279072012-01-28T16:16:55.376+05:302012-01-28T16:16:55.376+05:30हर कैनवास चाहता है कि कोई चित्रकार आये और जीवन को ...हर कैनवास चाहता है कि कोई चित्रकार आये और जीवन को रंगों से भर दे। रंग निरर्थक लगने लगे तभी वह महसूस कर पाता है कि वह तो एक कैनवास है।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6040881560049852516.post-35656960038332547582012-01-28T12:21:49.108+05:302012-01-28T12:21:49.108+05:30बहुत ही बढ़िया ।
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ...बहुत ही बढ़िया । <br /><br />बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ। <br /><br /><br />सादरYashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6040881560049852516.post-53546525292550051722012-01-28T11:24:41.224+05:302012-01-28T11:24:41.224+05:30कुछ न कहकर भी बहुत कुछ कह जाती हैं रचना
बहुत ही स...कुछ न कहकर भी बहुत कुछ कह जाती हैं रचना <br />बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।<br />बसंत पंचमी की शुभकामनाएं....!संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6040881560049852516.post-23824762330165849152012-01-28T04:04:11.312+05:302012-01-28T04:04:11.312+05:30दुनिया के हर रंग से बेखबर
एक कोने में चुपचाप खड़ा ...दुनिया के हर रंग से बेखबर<br />एक कोने में चुपचाप खड़ा था<br />वह खाली कैनवस।<br /><br />कुछ दूर टंगे थे<br />कुछ चंपई चेहरे<br />कुछ भूरी आंखें<br />रोज़ कुछ लकीरें उभरतीं<br />रोज कुछ रंग बिखरते<br />और तैयार होती एक मुकम्मल तस्वीर।<br />हसरत से देखता रहता<br />वह खाली कैनवस।<br />दीपिका जी बहुत ही सुन्दर कविता बधाई |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6040881560049852516.post-21816869487833668232012-01-28T00:16:18.547+05:302012-01-28T00:16:18.547+05:30zindgee bhee canvass se kam nahee
bhinn rangon se...zindgee bhee canvass se kam nahee <br />bhinn rangon se sazee <br /><br />ant mein khaalee kee khaalee ....dhool mein miljaateeNirantarhttps://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6040881560049852516.post-4149030987443221562012-01-27T23:49:17.688+05:302012-01-27T23:49:17.688+05:30सुंदर अभिव्यक्ति बेहतरीन रचना,..
NEW POST --26 जन...सुंदर अभिव्यक्ति बेहतरीन रचना,..<br /><br />NEW POST <a href="http://dheerendra11.blogspot.com/2012/01/26.html" rel="nofollow">--26 जनवरी आया है....</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6040881560049852516.post-76899568837419486862012-01-27T23:06:59.602+05:302012-01-27T23:06:59.602+05:30excellent!!!!
बहुत लाजवाब रचना...
कैनवास को जीवित ...excellent!!!!<br />बहुत लाजवाब रचना...<br />कैनवास को जीवित कर दिया आपके शब्दों ने..<br />सस्नेह.vidyahttps://www.blogger.com/profile/07319211419560198769noreply@blogger.com